गुनहगार... मै
गलत था मै
और आज भी गलत हू
तो परिणाम भी गलत हुआ है
ये किसने कहा था
कि प्यार मे
महबूब के हर पल का
हकदार तुम ही हो..??
तुम नही थे तो..
क्या उसके रूटिंन नही थे
सोती भी थी, खाती भी थी
खुश भी थी अपनों के बिच
किसने कहा था...
उसकी तो ऐसी कोई
फरमाईस भी नही थी
तुमसे दो चार बातें क्या की
तुम उसके कायल हो गये
बेकरार तुम रहने लगे
उससे बातें किए बिना
मन तुम्हारा
बिमार हो जाता था
उसकी क्या गलती थी..??
दिल उसका मोम था
तरस खाकर
तुमपर दया करती रही
और तुम
न जाने क्या क्या...
और आज भी गलत हू
तो परिणाम भी गलत हुआ है
ये किसने कहा था
कि प्यार मे
महबूब के हर पल का
हकदार तुम ही हो..??
तुम नही थे तो..
क्या उसके रूटिंन नही थे
सोती भी थी, खाती भी थी
खुश भी थी अपनों के बिच
किसने कहा था...
उसकी तो ऐसी कोई
फरमाईस भी नही थी
तुमसे दो चार बातें क्या की
तुम उसके कायल हो गये
बेकरार तुम रहने लगे
उससे बातें किए बिना
मन तुम्हारा
बिमार हो जाता था
उसकी क्या गलती थी..??
दिल उसका मोम था
तरस खाकर
तुमपर दया करती रही
और तुम
न जाने क्या क्या...