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जिम्मेदारियां
"जिम्मेदारियाँ, कितना कुछ सिखाती है ये "जिम्मेदारियां".
जो हंसना,मुस्कुराना अपने आप को जीना
जिन्दगी समझते थे. उन्हें दिल से मुस्कुराना भी भुला देती हैं ये "जिम्मेदारियां"
जिन्हें घर से एकदिन भी दूर रहना गवारा
नहीं था. उन्हें त्योहारों पर भी घर आना भुला देती हैं ये "जिम्मेदारियां"
जो छोटी- 2 बातो पर आँखें नम कर लिया करते थे
आज हजारों तकलीफों के बाद भी "मैं ठीक हूँ"
कहना सिखा देती हैं ये "जिम्मेदारियां" व्यक्ति का व्यक्तित्व ही बदल देती है "जिम्मेदारियां"
सब कुछ सहना, कुछ न कहना ये सब सिखा देती हैं "जिम्मेदारियां"
अपनी ख्वाहिशों को खत्म कर अपनो" की ख्वाहिशो को पूरा करना सिखा देती हैं ये "जिम्मेदारियां"
दूसरो को खुश करते-करते अपनी खुशियों को कहीं
पीछे छोड़ना सिखा देती है ये "जिम्मेदारियां"

हां.. खुद के लिए जीना भी भुला देती है

ये "जिम्मेदारियां"
© Anshika Tiwari