आंखें रस्ते में बिछा बैठे हैं
आंख रस्ते में बिछा बैठे हैं,
रख के दरवाजा खुला बैठे हैं,
किसी को इंतज़ार है उनका
आने वाले ये भुला बैठे हैं,
उसको परवाह ही नहीं इसकी,
हम ये दिल किस से लगा बैठे हैं,
हमसे आया नहीं दगा देना ,
इसलिए खाके...
रख के दरवाजा खुला बैठे हैं,
किसी को इंतज़ार है उनका
आने वाले ये भुला बैठे हैं,
उसको परवाह ही नहीं इसकी,
हम ये दिल किस से लगा बैठे हैं,
हमसे आया नहीं दगा देना ,
इसलिए खाके...