...

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सबवेदन शिलता
मै इन दिनों घर के सामने खडे बरसो पुराने
वृक्ष को " हेलो " कहने लगा हूँ.
मै यह भी जानता हूँ वो पड़ोसी वृक्ष मेरी भाषा नहीं समझ सकता और उसका यत्तर भी उसकी मूक भाषा मे ही डुंडा जा सकता हैँ
लेकिन उसका अपनी डालियो को हिलाना उसके पत्तों का झूम झूम कर नाचना ये दर्शाता हैँ कि यही मेरी हेलो का उसका मूक उत्तर हैँ
इससे तो यही सिद्ध होता हैँ कि वृक्ष आदमी की तुलना मे ज्यादा संवेदनशिल हैँ.... . ये मैंने हर बार महसूस भी किया हैँ ज़ब भी मै उसे हेलो कहता हूँ या ज़ब कभी मै उसके तने का स्पर्श करता हूँ