...

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मेरी गलती थी!
बेरुखी तुम्हारी मेरे समझ नहीं आयी
क्या तुम्हें पसंद करना....
मेरी इतनी बड़ी गलती थी ?
नासमझी तुम्हारी मेरे समझ नहीं आयी
क्या शिद्दत से तुम्हारा दीदार करना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थी ?

जब तुम्हें देखना मुझे नागवार हो गया था..
तो गुस्से में तुम्हें नजरअंदाज करना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थी ?
मैने बदले मे थोड़ी इज्ज़त माँगी थीं।
क्या अपनी इज्ज़त के लिए बदनाम होना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

तुम नहीं जानते थे कि...
तुम.. मेरी आत्मा को दुःख पहुँचा रहे हो।
तो क्या मेरे दुःख को खुद ही कम करना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

जब मेरे अपने दोस्त ही मुझे धोखा दे रहे थे।
तो अपने भले के लिए उनसें दूरी बना लेना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

मैं जैसी थी वैसी ही रही।
क्या खुली किताब होना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

जब तसल्ली से मेरी बात किसी ने नहीं सुनी
तो क्या अपने सुकून के लिए लिखना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

मैं बदले में बस थोड़ी कद्र चाहतीं थीं।
क्या तुमसे एक अच्छा इंसान होने की उम्मीद रखना..
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

मै तो तुम्हारा भला ही चाहती थीं।
क्या पहले तुम्हें खुद से ऊपर रखना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

जब मैं तुम्हें नहीं देख पाती थीं।
तो क्या वहाँ से चले जाना...
मेरी इतनी बड़ी गलती थी ?

हाँ !
मैं तुम्हें किसी और के साथ भी नहीं देख पाती थीं।
तो फिर वहाँ से भी चले जाना...
क्या मेरी इतनी बड़ी गलती थीं ?

अब सोचती हूँ कि.....
क्यूँ तुमसे प्यार हुआ ?
क्यूँ मेरा दिल और दिमाग बर्बाद हुआँ?
क्यूँ तुम मेरी जिन्दगी मेंं आये ?
क्यूँ तुमनें मेरे सारे रंग मिटाये ?
क्यूँ तुम दोस्त से कुछ ऊपर हुए ?
क्यूँ तुम मेरे लिए सब कुछ हुए ?

तुम्हें तो कभी कोई फर्क भी नहीं पड़ा कि..
मै जिन्दा हूँ या मुर्दा !
कि मैं दर्द में हूँ या गम मे..
तुम्हारे लिए तो मैं कभी कुछ थीं भी नहीं....
तो क्यूँ मेरी उम्मीदें बढ़ी ?
क्यूँ मेरी अक्ल मरी ?

क्योंकि शायद मेरी ही गलती थीं ।

तुमसें उम्मीदें लगाना...
मेरी गलती थीं।
तुमसें कद्र की आस रखना..
मेरी गलती थीं।
तुमसें अच्छे बरताव की उम्मीद रखना..
मेरी गलती थीं।
तुम्हारे लिए आँसू बहाना..
मेरी गलती थी।
तुम्हारे लिए परेशान होना..
मेरी गलती थी।
तुम्हारे कारण अपनी आत्मा दुखाना..
मेरी गलती थीं।
तुमसें अच्छा इनसान होने की उम्मीद रखना..
मेरी गलती थीं।
तुम्हारे लिए सब कुछ भूल जाना..
मेरी गलती थीं।
तुम्हें बार-बार याद करना..
मेरी गलती थीं।
हर पल बस तुम्हारे बारे में सोचना..
मेरी गलती थीं।
खुद को तुम्हें साबित करने की कोशिश करना..
मेरी गलती थीं।
अपनी गलती छुपाना भी..
मेरी गलती थीं।


हाँ
तुमसें प्यार करना भी
सिर्फ़ और सिर्फ़

मेरी गलती थीं.........