जय श्री कृष्ण
मेरे कान्हा मोहन प्यारे माँ यशोदा के राज़ दुलारे,
संकट में दुनियां के तुम्हीं तो सहारे,
क्यु बढ़ रहें पाप जब सबकुछ चलता है तेरे ही इशारे,
मिटाना हैं पाप कलयुग का काश तू जन्म ले फ़िर इसी के बहाने
विष्णु के आठवें अवतार हो तुम,
रुक्मणि के पति औऱ मीरा का प्यार हो तुम,
जो बस सिर्फ़ आपके लिए सुध बुध...
संकट में दुनियां के तुम्हीं तो सहारे,
क्यु बढ़ रहें पाप जब सबकुछ चलता है तेरे ही इशारे,
मिटाना हैं पाप कलयुग का काश तू जन्म ले फ़िर इसी के बहाने
विष्णु के आठवें अवतार हो तुम,
रुक्मणि के पति औऱ मीरा का प्यार हो तुम,
जो बस सिर्फ़ आपके लिए सुध बुध...