...

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पगली
रात ने चांद की रोशनी से सजा,
बातों को मीठी मीठी शब्दों से,
आंखों को प्रेम की जस्बात, और
दिल को प्यार का बंधन से सजाया।

सुबह देखने पे रंग तो लाल हुई
और तड़पती तड़पती रात बीती
अपने प्रेम किरण देखने और चूने
केलिए वो समंदर की किनारों गई।

जब दो दिल का मिलन हुआ,
तब दोनों को उत्तर और पश्चिम
जाना पड़ा, हमेशा के तरह!
अलग अलग रास्तों चलना पड़ा।

लेकिन एक ही पल केलिए
अभी भी रात ने मुस्कुराकर
सुबह देखने की आशा में
दिन भर इंतजार कर रही है।


© avn