रात के अंधेरे में
आंसू टप - टप गिरते हैं
जब तकिए को भिगोते है
किसने देखा रात के अंधेरे में....
मुस्काने वो बड़ी बड़ी
खिंचती कपोलों पर
सबने देखी
दिन के उजाले में....
किसने देखा रात के अंधेरे में....
ता दिन भागते दौड़ते
भीड़ से निकलकर
एकाकी मन से...
जब तकिए को भिगोते है
किसने देखा रात के अंधेरे में....
मुस्काने वो बड़ी बड़ी
खिंचती कपोलों पर
सबने देखी
दिन के उजाले में....
किसने देखा रात के अंधेरे में....
ता दिन भागते दौड़ते
भीड़ से निकलकर
एकाकी मन से...