।। मां .. मम्मी....॥
माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है माँ,
माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है माँ।
माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है माँ,
माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है माँ।
माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है माँ,
माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है माँ।
माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है माँ,
माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है माँ।
माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है माँ,
माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है माँ।
माँ कलम है, दवात है, स्याही है माँ,
माँ परामत्मा की स्वयँ एक गवाही है माँ।
माँ...