तेरी चाहत
तेरी चाहत में
हमने खुद को ख़ो दिया
वो हमदम मेरे तुझ पे
अपनी जान निसार कर दिए
अल्फ़ाज़ नहीँ मेरे पास उसके ख्याल आते ही
निःशब्द हो जाती हूँ मुस्कुराने लगती हुँ
खुद से ही बातें करने लगती हुँ
यूँ ही नहीँ दिल मेरा उसपे फ़नाह है
वो सुकून वो जुनून रब का दिया हुआ
अनमोल वरदान मेरी जिंदगी का मसीहा है
सुबह होते ही वो दिख जाए
और उससे...
हमने खुद को ख़ो दिया
वो हमदम मेरे तुझ पे
अपनी जान निसार कर दिए
अल्फ़ाज़ नहीँ मेरे पास उसके ख्याल आते ही
निःशब्द हो जाती हूँ मुस्कुराने लगती हुँ
खुद से ही बातें करने लगती हुँ
यूँ ही नहीँ दिल मेरा उसपे फ़नाह है
वो सुकून वो जुनून रब का दिया हुआ
अनमोल वरदान मेरी जिंदगी का मसीहा है
सुबह होते ही वो दिख जाए
और उससे...