...

9 views

धड़कन के इशारे
मेरी धड़कन के इशारे तुम्हारे लिए थे,
मैंने अपने टूटे दिल को कितने बार सिए थे,

ना समझ पाई तुम इन इशारों को कभी,
टूटता रहा हर वक्त मै और देखते रहे सभी,

क्यू तुम पहचान नहीं पाई मेरी धड़कनों को,
जो धड़कता रहा, पर मोहताज रहा किसी अपनो को,

झांक लेती गर एक बार तुम मेरी निगाहों में,
कैसे कहूं की सुकून मिलता है मुझे तुम्हारे पनाहो में,

पागलपन नही था ये प्यार था मेरा
कैसे कहूं तुम्हारी आदत ही प्यार था मेरा,

वादा जिंदगी भर का तेरा कैसे टूट गया,
गैर के खातिर ये जिंदगी भर का साथ छूट गया।।

काश की तुम मेरी धड़कन के इशारे समझ लेती,
मुकम्मल होता प्यार गर तुम मेरा जिंदगी भर साथ देती।।

© Vishwayari

#vishwanagi
#vishwayari