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//कितनी हसरत से//
"कितनी हसरत से...मिलता है कोई।
ख़्वाब पूरे होगें ज़रूर कहता है कोई।
रूठना मनाना रिश्ते की है खूबसूरती,
तकदीर तेज रहे साथ निभाता है कोई।
पत्थरों को भी पूज गए हैं इश्क़ के नाम,
विश्वास वहीं पे बेज़ार कर जाता है कोई।
हौसला टूट जाता है नज़रअंदाज करे वो,
बातें सुनकर भी अनसुना करता है कोई।
कितनी हसरत से मन की बात है बताता,
खुशफ़हमी में जो नहीं समझता है कोई।
धूप छांव सी ज़िंदगी में झेले बरसात कई,
आँखो की नमी सूखी नहीं देखता है कोई।
क्यों आ जाती हैं दूरियाँ बेमतलब सा रोज,
बात-बात पे डराकर साथ छोडता है कोई।
माना हमनवा, हमसफ़र,हमदम बदल गया,
कभी न समझा,अजनबी सा लगता है कोई।
© ©Saiyaahii🌞✒
ख़्वाब पूरे होगें ज़रूर कहता है कोई।
रूठना मनाना रिश्ते की है खूबसूरती,
तकदीर तेज रहे साथ निभाता है कोई।
पत्थरों को भी पूज गए हैं इश्क़ के नाम,
विश्वास वहीं पे बेज़ार कर जाता है कोई।
हौसला टूट जाता है नज़रअंदाज करे वो,
बातें सुनकर भी अनसुना करता है कोई।
कितनी हसरत से मन की बात है बताता,
खुशफ़हमी में जो नहीं समझता है कोई।
धूप छांव सी ज़िंदगी में झेले बरसात कई,
आँखो की नमी सूखी नहीं देखता है कोई।
क्यों आ जाती हैं दूरियाँ बेमतलब सा रोज,
बात-बात पे डराकर साथ छोडता है कोई।
माना हमनवा, हमसफ़र,हमदम बदल गया,
कभी न समझा,अजनबी सा लगता है कोई।
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