मैं खिला तो सही...
मुद्दतों बाद,
जब आस आखरी दम भर रही हो,
और उस पल में,
अचानक कोई आये, दे जाए
जीने की,
तुम वो उम्मीद हो ।
ये पहला फूल हरसिंगार का,
मेरे छोटे से घर के
गमले का,
मुझे फिर भर देता है
उम्मीद के ख़्वाबों से
और कहता है,
शायद देर से सही
मैं खिला तो सही।
--मनीषा राजलवाल
© maniemo
जब आस आखरी दम भर रही हो,
और उस पल में,
अचानक कोई आये, दे जाए
जीने की,
तुम वो उम्मीद हो ।
ये पहला फूल हरसिंगार का,
मेरे छोटे से घर के
गमले का,
मुझे फिर भर देता है
उम्मीद के ख़्वाबों से
और कहता है,
शायद देर से सही
मैं खिला तो सही।
--मनीषा राजलवाल
© maniemo