जिंदगी का सफर.
ज़िंदगी के सफर की शुरुआत कुछ ऐसे हुई.....
आए थे दुनिया में रोते रोते ,
बड़ी सी दुनिया में लेकर हाथ छोटे छोटे ।
ना कोई फिक्र , ना कोई परवाह , ना कोई ग़म ;
ज़िंदगी की सच्चाई से अनजान थे हम।
एक दिन बड़ा हो गया ज़माना,
रोते रोते हुआ स्कूल जाना।
करनी पड़ती थी पढ़ाई,
जैसे...
आए थे दुनिया में रोते रोते ,
बड़ी सी दुनिया में लेकर हाथ छोटे छोटे ।
ना कोई फिक्र , ना कोई परवाह , ना कोई ग़म ;
ज़िंदगी की सच्चाई से अनजान थे हम।
एक दिन बड़ा हो गया ज़माना,
रोते रोते हुआ स्कूल जाना।
करनी पड़ती थी पढ़ाई,
जैसे...