...

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एक तू और मैं
समझ समझ कर कितना समझ गई तू मुझे,
आसान इतना बना दिया तूने समझना तुझे,
की ना किसी गम का गहरा है और न पहरा,
बस खुशियों के साथ एक तू है और एक में,
माने तो तेरा साया और न माने तो छाव हूं,
मेरे मन की तू और और तुझमें मेरा दिल,
खयाल नही हकीकत है तू मेरी ही रहना ।
© Aman Jain