अक्स
#दर्पणप्रतिबिंब
दर्पण देखने का बहुत शौक रहा मुझे
अक्सर यही पंक्ति गुनगुनाती रही हूं
दर्पण झूठ न बोलें
आज भी दर्पण देखने लगी तो जो सामने था
वो प्रतिबिंब तो मेरा हीथा लेकिन
हू ब हू मुझसा न था मैंने पूछा तुम कौन
परिचय तो बाद में भी हों जायेगा ये बताओ
उसने प्रश्न के...
दर्पण देखने का बहुत शौक रहा मुझे
अक्सर यही पंक्ति गुनगुनाती रही हूं
दर्पण झूठ न बोलें
आज भी दर्पण देखने लगी तो जो सामने था
वो प्रतिबिंब तो मेरा हीथा लेकिन
हू ब हू मुझसा न था मैंने पूछा तुम कौन
परिचय तो बाद में भी हों जायेगा ये बताओ
उसने प्रश्न के...