...

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jindgi ki kastiya
कश्तियां तैरती जाती
किनारा ढूढनापड़ता
इसारे मील भी जाते है
सहारा ढूढना पड़ता
की मेरा वक्त तो देखो
गुजरता ही चला जाता
मै अब भी चुप खड़ी देखूं
घड़ी से तेज ये चलता
ये गुजरे कल की है दास्ता
मेरा कल भी था...