कोई मिलता
कोई मिलता दो पल मुझसे,
मिलकर फिर मुस्काता।
आनंदित उर होती मैं,
अनुपम सुख मैं पाती।
स्नेह भरे दो नयन किसी के,
मुझ पर भी पड़ जाते।
मेघ सघन बन...
मिलकर फिर मुस्काता।
आनंदित उर होती मैं,
अनुपम सुख मैं पाती।
स्नेह भरे दो नयन किसी के,
मुझ पर भी पड़ जाते।
मेघ सघन बन...