...

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हो निडर
हो निडर,आगे बढ़ता जा
कितनी भी दिखे मुश्किल वक्त
और लोगो से जीतना
अपने सच से सामना कर
एक पग भी पीछे मत लेना
अगर लिया तो ये जान लो
मेहनत से बनाई दुनिया में
डर को पैर रखने की मिल गई एक जगह
अब वो शुरू कर देगा छाती को छीलना
सिर पे चढ़ जाता है ऑधी का अंधेरा
फिर शुरु होता है गलत तरीको का सिलसिला
सिकुड़ती दीवारों में थम जायेगी जिंदगी
दर्द की राहों में होगा सिर्फ अंत का संन्नाटा।
© Filling lacuna