हिमत न हार
तू अपनी खुबीया धुंढ
कमिया निकालने के लिये लोग हैं ना
आगर रखना ही है कदम
तो आगे रख,
पिछे खीचने के लिये लोग हैं ना
सपने देखने ही है
तो ऊचे देखो,
नीचा दिखाने के लिये लोग हैं...
कमिया निकालने के लिये लोग हैं ना
आगर रखना ही है कदम
तो आगे रख,
पिछे खीचने के लिये लोग हैं ना
सपने देखने ही है
तो ऊचे देखो,
नीचा दिखाने के लिये लोग हैं...