रिश्ते बेकदर
मिलने की ख्वाहिश की,
वो मुकर गये,
कहा इस शहर में नहीं रहते,
एक दिन टक्कर गये,
मन ने चाहा गले लगाले,
शायद इत्तेफाक से टक्कर गये,
कोई मजबूरी होगी,
वरना कौनसी दुरी होगी,
मिल गये अब तो,
अब कहानी...
वो मुकर गये,
कहा इस शहर में नहीं रहते,
एक दिन टक्कर गये,
मन ने चाहा गले लगाले,
शायद इत्तेफाक से टक्कर गये,
कोई मजबूरी होगी,
वरना कौनसी दुरी होगी,
मिल गये अब तो,
अब कहानी...