...

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gazal
इबादतों से कब किसी को, मिल सका है खुदा,
जुनू है, इश्क़ है, अहसास है, वफा है खुदा।

चला जो आ रहा है आज तलक सदियों से,
मोहब्बतों का वही पाक सिलसिला है खुदा।

किसी की अब नहीं मोहताज़ मेरी वाकफियत,
मैं जानती हूं उसे, मुझको जनता है खुदा।

जरूर हमसे हुई है कोई न कोई खता,
कई दिनों से लग रहा खफा _2 है खुदा।

न जाने किसकी जुस्तजू है क्या तलाश है उसे,
कभी किसी कभी किसी को भेजता है खुदा।

मुझे इंसाफ़ से मसरूफ क्यूं रखेगा भला,
सभी बच्चों के लिए एक सा पिता है खुदा।