22 views
क्या तुम समझती नहीं हो❤️❤️❤️❣️❣️❣️
तुम्हें लिखता हूं शायरी में अपने,
क्या तुम समझती नहीं हो,🤔🤔
बादल बन कर छायी हो मुझ पे,
बस बरसती नहीं हो❣️❣️
इशारों में मैं बोल चुका हूं कई दफा,
बेशक तुम हाँ नहीं करती पर मुकरती नहीं हो,🤔🤔
मैं ही करता हूँ कोशिशें हमेशा आगे से,
क्या कभी तुम मुझ से मिलने को तरसती नहीं हो❣️❣️
मालूम है चिंगारी मौजूद तो है कहीं दिल में तेरे भी,
पर ईश्क़ की हवा करने पर भी तुम सुलगती नहीं हो❣️❣️
© सौ₹भmathu₹
क्या तुम समझती नहीं हो,🤔🤔
बादल बन कर छायी हो मुझ पे,
बस बरसती नहीं हो❣️❣️
इशारों में मैं बोल चुका हूं कई दफा,
बेशक तुम हाँ नहीं करती पर मुकरती नहीं हो,🤔🤔
मैं ही करता हूँ कोशिशें हमेशा आगे से,
क्या कभी तुम मुझ से मिलने को तरसती नहीं हो❣️❣️
मालूम है चिंगारी मौजूद तो है कहीं दिल में तेरे भी,
पर ईश्क़ की हवा करने पर भी तुम सुलगती नहीं हो❣️❣️
© सौ₹भmathu₹
Related Stories
27 Likes
12
Comments
27 Likes
12
Comments