...

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तुम्हारे जी का जंजाल है.....
महका हुआ बदन तुम्हारा, और बहकी-बहकी सी चाल है
उलझी हुई जुल्फें तेरी, कश्मीरी सेब के माफ़िक गाल है

इस से कभी उकता मत जाना, ये दौर है तेरे तबस्सुम का
चढ़ती हुई तेरी ये शोख़ जवानी, तुम्हारे जी का जंजाल है

जब भी सर पे तू आँचल ओढ़े,...