19 views
प्रतिक्षा
#प्रतिक्षा
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
ठीक वैसे ही तुम्हें पाने की जागी है उमंग:
मन विचलित और ख़्वाब है अधूरे,
तुम मिल जाओ तो हो जाएंगे ख़्वाब मेरे पूरे:
प्रतिक्षा की घड़ी और तुम्हारी कमी,
आपकी यादों में इन आंखों में आ जाती है नमी;
कर रहे हैं प्रतिक्षा और देख रहे हैं रास्ता,
जल्दी लौट आओ तुम्हें हमारे प्यार का वास्ता;
स्थिर तन चंचल मन,
अडिग प्रतिक्षा की लगन;
शम्भू जैसे पाने को गौरा संग,
ठीक वैसे ही तुम्हें पाने की जागी है उमंग:
मन विचलित और ख़्वाब है अधूरे,
तुम मिल जाओ तो हो जाएंगे ख़्वाब मेरे पूरे:
प्रतिक्षा की घड़ी और तुम्हारी कमी,
आपकी यादों में इन आंखों में आ जाती है नमी;
कर रहे हैं प्रतिक्षा और देख रहे हैं रास्ता,
जल्दी लौट आओ तुम्हें हमारे प्यार का वास्ता;
Related Stories
31 Likes
14
Comments
31 Likes
14
Comments