...

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जीना सीख के आया हूं
मोम का दिल था मेरा
पत्थर बना के आया हूं

रास्तों पे चलते चलते
अंगारों पे चल के आया हूं

चांदनी रातों को छोड़कर
काली रात को अपना के आया हूं

आशुओ का बहना छोड़
नदिया बहा के आया हूं

नादान परिंदा था मैं
पर कतर के आया हूं

मायूसी को छोड़कर
सच को स्वीकार आया हूं

अपनो को खोकर
फिर से लौट आया हूं

अब किसी की चाह नहीं मुझको...