...

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गुलाब का बगीचा
#MemoryGarden

ज्यादा नहीं कुछ साल पुरानी बात है,
आए मेहमान थे घूमने के लिए
निकल पड़े अपनी सफारी को लिए
सीट उसमें थी आठ जन की
दब-दब कर बैठे पूरे बारह थे,
राजमार्ग का रास्ता सीधा लम्बा साफ था,
बीच मार्ग पर हो गयी गाड़ी बंद
चल दिए पति ढूंढने को मेकैनिक
हम चले सड़क पर ठंडी-ठंडी छांव की करने उडीक,
आया ऐसा लदा गुलाब से बाग
आंखें फाड़े देख रहे थे हम सारे
लाल,पीले,सफेद,गुलाबी,गुलाब थे सारे,
पास पहुंचकर हम गये ठिठुर
माली को दे दिए ढेर सारे अभिनंदन
जाकर सारे बैठ उस बगिया में
लेते फूलों की खुशबू और आनंद
लगाई छाया ने आवाज निक्की ! जा दौड़कर गाड़ी से सामान खाने का लाना,
बैठकर खा लिए भोजन सारा हम
पतिदेव तो थे गाड़ी को चलवाने में गुम,
सबने कहा चलो अब चलते हैं घर
इससे बढ़कर क्या होगा खुशनुमाए सफर
‌ भूलता नहीं है वो सफर हमें
गुलाबों की वो महक और आनंद अपने आंख का।।