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#मयखाने
मयखाने तो साहेब महज नाम के ही बदनाम है
असल में नशा तो ये मेरे यार की आंखो का है....
ये जो झूम रहा हूं मैं इश्क के नशे में
ये सारा कमाल तो मेरे यार की सांसों का है...
ये जो धीरे धीरे बदल रहा हूं मैं
ये सारा कमाल भी उनकी मुलाकातों का है,
मयखाने तो साहेब नाम के ही बदनाम है,
असल में नशा तो मेरे यार की आंखो का है...
ये जो जरा ज़रा सा बहक रहा हूं मैं
ये सारा का सारा असर उसकी बातों का है....
ये जो मुझ पर चढ़ रहा हल्का सा फितूर है
ये सारा कसूर इन चांद रातों का है....
मयखाने तो साहेब नाम के ही बदनाम है,
असल में नशा तो मेरे यार की आंखो का है...
© Ashish panwar (साहेब)
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