...

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ना तो भूख रही
ना तो भूख रही
ना तो प्यास रही
लबों पर आती जाती
तेरी मखमली याद रही

ढूंढता रहा दिल का कोना-कोना
रूह की तूम फरियाद रही
आंखें देखती रही तुम्हें
बस तू ही तु याद रही

नहीं मिली कहीं तूं
तेरी आभावों की दिल पर आघात रही
तन मन करता रहा बात
तुम बातों की बात रही

करें क्या नहीं करें
हां ना की न बात रही
आंखों में आती जाती
तस्वीर तेरी साफ-साफ रही

समझ न पाए करें क्या
जुवान ओढ़ी तेरी याद रही
छपी हुई तस्वीर तुम्हारी
दिल लिए अनन्य मुलाकात रही

बिछड़ते हुए सनम
गश्ती तेरी साफ-साफ रही
चाहत की ओढ़ी हुई
चादर तेरी मेरे पास रही

छोड़ दिया जाना मय
लेकिन मय की नशा हाथ रही
चमकती हुई बिंदीया तेरी
झलकती...