एक खत जो मैंने उसे भेजा नहीं
प्रिय मित्र रानी
तुम्हे बहुत कुछ कहना है
पर जानता हूं
बात करने के लिए
तुम्हे वक्त नहीं मिल पाएगा
और तुम्हारी यादों में लिखी सारी बातें
बस बेजान कागज में रह जायेगा
कम लिखूं
या मैं दो लब्जो में सब बयां कर दू
ये मुनकिम नहीं हो पाएगा
कितने बातें है ,कितने सवाल है
काश तुम्हे कह पाते
पर जानता हूं
ये मुनकिम नहीं हो पाएगा
हम...
तुम्हे बहुत कुछ कहना है
पर जानता हूं
बात करने के लिए
तुम्हे वक्त नहीं मिल पाएगा
और तुम्हारी यादों में लिखी सारी बातें
बस बेजान कागज में रह जायेगा
कम लिखूं
या मैं दो लब्जो में सब बयां कर दू
ये मुनकिम नहीं हो पाएगा
कितने बातें है ,कितने सवाल है
काश तुम्हे कह पाते
पर जानता हूं
ये मुनकिम नहीं हो पाएगा
हम...