...

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बस एक और कोशिश
चलते चलते जीवनपथ पर
ए पथिक
कहा तु हार मान बैठा
अभी तो बहुत दूर जाना है
जिन सपनो को तूने सँजोया था
जिनके लिए कितनी राते
तू ना सोया था
तुझे उन्हें पूरा करके दिखाना है
हमे अभी बहुत दूर जाना है।

हर बाइज्जती का जवाब तुझे देना है
तेरे आलोचकों के मुख से ही
तेरी वाहवाही सुन्ना अभी बाकी है
ए पथिक
कहा तू थककर थम गया
इन बहवो से ही
तू क्यो डर गया
अभी तो सागर की गहराइयों में
उतारना बाकी है
अभी तेरा असली इम्तिहान बाकी है।
चल उठ और कर
बस एक और कोशिश।।

अगर तेरी कोशिशो
में जीतोड दम होगा
तुझे फिर ज़रा भी अफ़सोस ना होगा
हारकर भी तू हारेगा नही
अगर ईमान से कर्म तूने किया होगा।
क्योकि
होता...