जुबान
शब्दों से रहित एक वाणी बोली जाती है
शब्दों से नहीं प्रेम से समझी जाती है
विचारों को आदान प्रदान करने का
प्रत्येक जीव को भगवान ने दी अलग भाषा है
गईया ने सब को दूध पिलाया
प्रकृति ने जीवन आशय दिलाया
अश्व ने दुनिया दिखाई
श्वान ने ही गृह धन बचाया
जरुरत पर सब ने अपना कर्तव्य निभाया
कलयुग की है माया निराली
मानव भूला सरलता सारी...
शब्दों से नहीं प्रेम से समझी जाती है
विचारों को आदान प्रदान करने का
प्रत्येक जीव को भगवान ने दी अलग भाषा है
गईया ने सब को दूध पिलाया
प्रकृति ने जीवन आशय दिलाया
अश्व ने दुनिया दिखाई
श्वान ने ही गृह धन बचाया
जरुरत पर सब ने अपना कर्तव्य निभाया
कलयुग की है माया निराली
मानव भूला सरलता सारी...