...

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मेरा प्यार हो
खूबसूरत गीत हो साज हो,
मेरी जिंदगी का आगाज़ हो
तुम मेरे सोलह श्रृंगार हो
जो बिन कहे छलक पड़े,
वही मेरा प्यार हो…
तुम दिन हो रात हो,
सुगंधित बरसात हो
मंझधार में कश्ती हो तुम,
इक मधुर सौगात हो
पवित्रता की पक्की डोर हो तुम,
गंगाजल की बहती धार हो।
सूनी आँखों का काजल तुम
डगमगाते पाँव की पायल तुम
मेरे अस्तित्व का मान तुम हो
संसार भी सजने लगे
संग अगर तुम हो।
गुरुर हो मेरे माथे का
स्त्रीत्व को बल देती पहचान हो
नये रंगों में सजाती मैं स्वयं को
परछायी बनती तुम्हारी
मैं कभी धूप तो तुम कभी छाँव हो
मेरा अभिमान हो तुम
मेरी जान हो तुम
मेरी जान हो तुम।।
©️इन्दु तोमर ✍️
© InduTomar
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