...

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बारिष
मेने पहनति है इस तूफान में
ये मुहब्बत का ऐसास ।
इस सिलसिले में सिर्फ दुख कि बारिष नही
उस में है प्यार का तुषार ।
में नहीं सोचना इस मेघर्गजन
ये लेते है संगीत ।
इस प्रलय का ग२जन से
मे सकारना केवल तालाब ।


© Uma.V.S.


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