...

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मेरी अधूरी दास्ताँ-ए-इश्क़ 💔

ठुकरा दिया आपने मेरा प्यार ना, मग़र
आपका ही नाम आज भी मेरे ज़िस्म के
हर कतरे में है
हाँ भले ही आपने ऐतबार ना किया हो मेरे प्यार का, मग़र सच कहूँ ख़ुदा मानती हूँ मैं आपको
याद मुझे आते आप हर खतरे में हैं
मेरा नाम-ओ-निशाँ भी मिट जाए ना, पर आपको भुला नहीं पाएंगे हम
बदनसीबी हमारी ही है बस कि, आपकी नजरों से हम जरा उतरे-उतरे से हैं

एकमुश्त हमको आजमा के तो देखिए
हमको ज़रा अपना बना के तो देखिए
अपनी हर खुशियाँ लुटा देंगे,,,
अपना नाम-ओ-निशाँ तक मिटा देंगे,,,
अपनी जान भी हंसते-हंसते गवां देंगे
हमारे दिल में जो है आपके लिए, उसे
एक बार अपने ख़यालों में ला के तो देखिए हमको ज़रा आजमा के तो देखिए
अपना बना के तो देखिए
मेरे दिल में अपना घर...