ज़रा ठहर
ज़रा ठहर जिंदगी थोड़ा धीमे चल
उम्र का हर पड़ाव देखना बाक़ी है
नतमस्तक हो चूमे,जहाँ क़दम मेरा
ऐसा कुछ काम करना बाक़ी है
रिश्तों में बन्ध,रस प्रेम का...
उम्र का हर पड़ाव देखना बाक़ी है
नतमस्तक हो चूमे,जहाँ क़दम मेरा
ऐसा कुछ काम करना बाक़ी है
रिश्तों में बन्ध,रस प्रेम का...