...

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दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
कभीं इस राह लौट आना हो तो बता देना
दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
थक चुके दो नैनों को है मनाना
नम पड़ रहीं साँसो को बस अब है थामना
कभीं इस राह लौट आना हो तो बता देना
दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना
कुछ सवालों के जवाब तो है देना
बस रुकती ज़िन्दगी को है मनाना
कभीं इस राह लौट आना हो तो बता देना
दो घड़ी ठहर इक़रार कर जाना