...

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स्पर्श
हर स्पर्श में अपनापन हो,
ये जरूरी नहीं।
कुछ स्पर्श तन को ही नहीं,
मन को भी चुभते हैं।
ये उस लड़की से पूछना जिसे,
पराए नहीं,
अपने रिश्ते ही गलत तरीके
से छूते हैं।
वो हर रोज़ टूटती है बिखरती है,
पर अपनों से ही कुछ नहीं,
कह पाती है।
© Tinki
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