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दौलद
आए हो जहाँ में तो, बस अपना कर्म करते जाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
क्यों करते हैं लोग यहाँ, जो कर्म नहीं इंसानों का,
दिन भर जपे ईश्वर का नाम, काम करे हैवानों का,
आज नहीं तो कल जाकर, बाबुल को मुँह दिखाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
तौबा कर ले तू गुनाह से, कुछ ना साथ तेरे जाएगा,
ये दौलतों का ताजमहल ही, कब्र तेरा बन जाएगा,
चार दिनों की ज़िन्दगी है, फिर पंछी बन उड़ जाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
© 🙏🌹 मधुकर 🌹🙏
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
क्यों करते हैं लोग यहाँ, जो कर्म नहीं इंसानों का,
दिन भर जपे ईश्वर का नाम, काम करे हैवानों का,
आज नहीं तो कल जाकर, बाबुल को मुँह दिखाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
तौबा कर ले तू गुनाह से, कुछ ना साथ तेरे जाएगा,
ये दौलतों का ताजमहल ही, कब्र तेरा बन जाएगा,
चार दिनों की ज़िन्दगी है, फिर पंछी बन उड़ जाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।
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