...

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!! वो लम्हें !!
क़ुबूल कर लो
कहानी को ना सही
मगर मेरे किरदार को
तो अपना लो
ये क़िस्से ये चर्चे
सब तुम्हारे ही तो हैं
मेरा वजूद भी तो
तुमसे जुड़ा है
तो फिर ये दूरियाँ
ये फासले ये तन्हाई क्यूँ ?
मेरे साथ जो वक़्त तुमने गुजारा था
उस हसीन यादों के
सुनहरे लम्हे को तुम क़ुबूल कर लो ना.......
© राजेश पंचबुधे