#पुरानी_यादें #पुराना_घर
ओलु आवे, म्हनै म्हारै पुराणियां घर री
बै छोटा-छोटा ओरा, अर बा कच्चोड़ी रसोई
बो बारलो मेहमानां रौ कमरो, अर कच्चे-पाकै आंगनै री कोर
माटी रौ चूल्हों, अर घट्टी रो फेर
डोवे री राबड़ी रे सागै कांदो अर केर
दादा रो ओरो, बि पर लाग्योड़ौ तालौ
ऊपरी आलै में मेलयोड़ी बिरी कुंची
ताऊजी रो ओरो, जिको कम ही देख्योड़ो खुलो
मैल्योड़ो बिमे समान, जानै पीतल री चरयां री दुकान
बा पक्कोड़ी रसोई, जिमें काकीजी री अलमारी
ताईजी रौ बेड,लौह री जाली, खनै कदै घट्टी भी चलाई,
कच्चोड़ी टेणियां री रसोई, मीं-झड़ में बिमें ही रोटी बनाई
बै आंगनै रां छोटोरां आला, जिकैमें फंस-फंस र गायोड़ा गाना
ओलु आवै, बै सग्ली बातां, कोनी अब बै ठंडी-ठंडी रातां
आज-बी सागण जग्यां बणियोड़ा, पक्का-पक्का कमरा
बड़ा-बड़ा हॉल, पाकी चौक, हेर फूटरां बाण्डा
पण म्हनैं तो चौखो लागै, बो सीला आलौ ऊंचो मोड़ो
बो ही म्हारौं पेहला आलो, पुरानियों घर
बडोरी पक्योड़ी चौकी, पछै छोटोरी कच्चोड़ी चौकी,
हेर आगली खुली बड़ी बाखल, बो खगोल आलौ खेलड़ो
हेर बोलडी रो हरो-हरो बोर, कच्चोड़ो पलिणडो अर लारलो हारौ
कच्चो-पाको आंग्णों, बिरा निकलयोड़ा काकड़ा
जग्यां-जग्यां निपयोड़ौ गारौ, होली-दीयाली धोली माटी रां माड़णां
सग्ला रै सागै बैठ जीमणों, रात रै दूध रौ मिरयों
माँ रौ लाड़-कौड, हेर बूढ़ा-बडेरा री बातं
याद आवै घणां, पण आज कठै है बे पुरानियां ठाठ !!
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️10 July, 2021
🔑
ओलु=याद, म्हनै=मुझे, म्हारै=मेरे, बै=वे, ओरा=कमरे, अर=और, बा=वो, बारलो=बाहर वाला, सागै=साथ मे, कांदो=प्याज, बि पर=उस पर, आलै=आला, मेलयोड़ी=रखी हुई,
बिरी=उसकी, कुंची=चाबी, जिको=जो, बिमे=उसमें, जानै=मानो, पीतल री चरयां= पीतल के पानी लाने के पात्र, खनै=पास, घट्टी=आटा-दाल पीसने की हाथ चक्की,
टेणियां=लोहे के चद्दर, मीं-झड़=बरसात में बूंदाबांदी, सग्ली बातां=सारी बातें, कोनी=नही है, सागण जग्यां=उसी जगह, बणियोड़ा=बने हुए, फूटरां=सुंदर, बाण्डा=दरवाजे, चौखो=अच्छा, मोड़ो=गृह प्रवेशद्वार, बडोरी पक्योड़ी = बड़ी वाली पक्की चौकी, आगली=आगे वाली, बाखल=मैदान, खेलड़ो=खेजड़ी का वृक्ष, बोलडी= झाड़ी, बोर=बेर का फल, पलिणडो=पानी के मटके रखने का स्थान, लारलो=पीछे वाला, हारौ=पशुओं के बाटे(भोजन) पकाने का चूल्हा, जग्यां-जग्यां=जगह-जगह, गारौ=गोबर, माड़णां=माण्डने-चित्र, सग्ला रै सागै=सभी के साथ, जीमणों=भोजन ग्रहण, मिरयों=दूध देने का पात्र, लाड़-कौड=प्यार-चाव, बूढ़ा-बडेरा=बूढ़े-बुजुर्ग, घणां=बहुत, पण=पंरतु, कठै=कहां, बै-वो ।
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बै छोटा-छोटा ओरा, अर बा कच्चोड़ी रसोई
बो बारलो मेहमानां रौ कमरो, अर कच्चे-पाकै आंगनै री कोर
माटी रौ चूल्हों, अर घट्टी रो फेर
डोवे री राबड़ी रे सागै कांदो अर केर
दादा रो ओरो, बि पर लाग्योड़ौ तालौ
ऊपरी आलै में मेलयोड़ी बिरी कुंची
ताऊजी रो ओरो, जिको कम ही देख्योड़ो खुलो
मैल्योड़ो बिमे समान, जानै पीतल री चरयां री दुकान
बा पक्कोड़ी रसोई, जिमें काकीजी री अलमारी
ताईजी रौ बेड,लौह री जाली, खनै कदै घट्टी भी चलाई,
कच्चोड़ी टेणियां री रसोई, मीं-झड़ में बिमें ही रोटी बनाई
बै आंगनै रां छोटोरां आला, जिकैमें फंस-फंस र गायोड़ा गाना
ओलु आवै, बै सग्ली बातां, कोनी अब बै ठंडी-ठंडी रातां
आज-बी सागण जग्यां बणियोड़ा, पक्का-पक्का कमरा
बड़ा-बड़ा हॉल, पाकी चौक, हेर फूटरां बाण्डा
पण म्हनैं तो चौखो लागै, बो सीला आलौ ऊंचो मोड़ो
बो ही म्हारौं पेहला आलो, पुरानियों घर
बडोरी पक्योड़ी चौकी, पछै छोटोरी कच्चोड़ी चौकी,
हेर आगली खुली बड़ी बाखल, बो खगोल आलौ खेलड़ो
हेर बोलडी रो हरो-हरो बोर, कच्चोड़ो पलिणडो अर लारलो हारौ
कच्चो-पाको आंग्णों, बिरा निकलयोड़ा काकड़ा
जग्यां-जग्यां निपयोड़ौ गारौ, होली-दीयाली धोली माटी रां माड़णां
सग्ला रै सागै बैठ जीमणों, रात रै दूध रौ मिरयों
माँ रौ लाड़-कौड, हेर बूढ़ा-बडेरा री बातं
याद आवै घणां, पण आज कठै है बे पुरानियां ठाठ !!
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️10 July, 2021
🔑
ओलु=याद, म्हनै=मुझे, म्हारै=मेरे, बै=वे, ओरा=कमरे, अर=और, बा=वो, बारलो=बाहर वाला, सागै=साथ मे, कांदो=प्याज, बि पर=उस पर, आलै=आला, मेलयोड़ी=रखी हुई,
बिरी=उसकी, कुंची=चाबी, जिको=जो, बिमे=उसमें, जानै=मानो, पीतल री चरयां= पीतल के पानी लाने के पात्र, खनै=पास, घट्टी=आटा-दाल पीसने की हाथ चक्की,
टेणियां=लोहे के चद्दर, मीं-झड़=बरसात में बूंदाबांदी, सग्ली बातां=सारी बातें, कोनी=नही है, सागण जग्यां=उसी जगह, बणियोड़ा=बने हुए, फूटरां=सुंदर, बाण्डा=दरवाजे, चौखो=अच्छा, मोड़ो=गृह प्रवेशद्वार, बडोरी पक्योड़ी = बड़ी वाली पक्की चौकी, आगली=आगे वाली, बाखल=मैदान, खेलड़ो=खेजड़ी का वृक्ष, बोलडी= झाड़ी, बोर=बेर का फल, पलिणडो=पानी के मटके रखने का स्थान, लारलो=पीछे वाला, हारौ=पशुओं के बाटे(भोजन) पकाने का चूल्हा, जग्यां-जग्यां=जगह-जगह, गारौ=गोबर, माड़णां=माण्डने-चित्र, सग्ला रै सागै=सभी के साथ, जीमणों=भोजन ग्रहण, मिरयों=दूध देने का पात्र, लाड़-कौड=प्यार-चाव, बूढ़ा-बडेरा=बूढ़े-बुजुर्ग, घणां=बहुत, पण=पंरतु, कठै=कहां, बै-वो ।
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