एक बेटे की चाह
एक था बच्चा, मन का सच्चा,
पढ़ने में ठीक ठाक, था अच्छा,
मम्मी पापा भी, पढ़े लिखें,
मगर अपनी ज़िन्दगी से, पूरे थके,
बनना कुछ था, बन कुछ और गयें,
अब वो दिन तो नहीं थें, वो दिन तो चले गए,
इसी दर्द को लिए, ज़िन्दगी जी रहे थें,
यही वो बात है, मम्मी पापा थक रहे थें,
दोनों ने सोचा, चलों जो हम न बन पायें,
क्यों न वो इच्छा, बेटे से पूरी करायी जाये,
मम्मी को डाक्टर, पापा को इंजीनियर बनना था,
दोनों ने निर्णय लिया, बेटे को क्या बनना था,
पापा ने बेटे से कहा, बेटा इंजीनियर बनना है,
मम्मी ने कहा, नहीं डाक्टर बनना है,
दोनों अपनी-अपनी, जिद पर अड़े थें,
ये देख बेटे के, कान खड़े थें,
बेटा...
पढ़ने में ठीक ठाक, था अच्छा,
मम्मी पापा भी, पढ़े लिखें,
मगर अपनी ज़िन्दगी से, पूरे थके,
बनना कुछ था, बन कुछ और गयें,
अब वो दिन तो नहीं थें, वो दिन तो चले गए,
इसी दर्द को लिए, ज़िन्दगी जी रहे थें,
यही वो बात है, मम्मी पापा थक रहे थें,
दोनों ने सोचा, चलों जो हम न बन पायें,
क्यों न वो इच्छा, बेटे से पूरी करायी जाये,
मम्मी को डाक्टर, पापा को इंजीनियर बनना था,
दोनों ने निर्णय लिया, बेटे को क्या बनना था,
पापा ने बेटे से कहा, बेटा इंजीनियर बनना है,
मम्मी ने कहा, नहीं डाक्टर बनना है,
दोनों अपनी-अपनी, जिद पर अड़े थें,
ये देख बेटे के, कान खड़े थें,
बेटा...