...

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तुझे पाने की ख्वाहिश
तुझे पाने की ख़्वाइश किसे है
तेरे होने का सुकूं बड़ा है,

एक लम्हा बीता था तेरे साथ कभी
आके देख मेरे पास पड़ा है,

हर ज़र्रे को ख़बर मेरे हाल की
एक तू ही है जो मुझसे दूर खड़ा है,

इस नशे को कमज़र्फ जमाना समझेगा कैसे,
कम्बख़्त तेरी आँखो से जो चढ़ा है।