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मेरी नादानियों को अपनी जरूरत समझता है
#WritcoPoemPrompt73
वो किसी खुदा से कम नहीं,
मन्नते सभी पूरी करता है।
भले देर हो, मगर तैयारी पूरी रखता है
मेरा मांगा बचत के बाहर हो,
तो कभी अपने कपड़े,
तो कभी दवाइया भूल जाता है।
भले थोड़ा ही बड़ा है मुझसे,
मगर हक, पिता सा जमाता है।
और हां, मेरी नादानियों को अपनी जरूरत समझता है,
वो भाई है जनाब, ’ना’ कहा जानता है।
© AshR
वो किसी खुदा से कम नहीं,
मन्नते सभी पूरी करता है।
भले देर हो, मगर तैयारी पूरी रखता है
मेरा मांगा बचत के बाहर हो,
तो कभी अपने कपड़े,
तो कभी दवाइया भूल जाता है।
भले थोड़ा ही बड़ा है मुझसे,
मगर हक, पिता सा जमाता है।
और हां, मेरी नादानियों को अपनी जरूरत समझता है,
वो भाई है जनाब, ’ना’ कहा जानता है।
© AshR
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