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बचपन
एक, बचपन का जमाना था।
जिसमें, खुशियों का खजाना था।।
चाहत, चांद को पाने की थी ।
पर दिल, तितली का दिवाना था।।
खबर, ना ही थी सुबह की
ना, शाम का ही ठिकाना था ।
वो थक कर, आना स्कूल से
पर फिर, खेलने भी जाना था।।
मां की, कहानी थी
वो परियों का, फसाना था ।
बारिश में, कागज की नाव थी।
उस वक्त, हर मौसम सुहाना था।।
ना ही कोई, वजह थी रोने की
ना ही हंसने का, कोई बहाना था ।
क्यों हो गए, हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो, बचपन का जमाना था ।।
वो बचपन का , जमाना था...
Naveen akkhapur
© All Rights Reserved
जिसमें, खुशियों का खजाना था।।
चाहत, चांद को पाने की थी ।
पर दिल, तितली का दिवाना था।।
खबर, ना ही थी सुबह की
ना, शाम का ही ठिकाना था ।
वो थक कर, आना स्कूल से
पर फिर, खेलने भी जाना था।।
मां की, कहानी थी
वो परियों का, फसाना था ।
बारिश में, कागज की नाव थी।
उस वक्त, हर मौसम सुहाना था।।
ना ही कोई, वजह थी रोने की
ना ही हंसने का, कोई बहाना था ।
क्यों हो गए, हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो, बचपन का जमाना था ।।
वो बचपन का , जमाना था...
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