EVENING SCENES
अंशु बढ़ चला घर की ओर तम ने जो पैर पसारा हैं ,
अरुणता हैं समा में रक्ताभ अंबर हुआ सारा हैं ।
धान के खेत में रंगीले रुत में हूँ बैठा अकेले कलम लिए ,
वादियों सी इन वीरानगी में ''आंशु'' कोरा कागज एक सहारा है॥
........🙏शुभ संध्या 🙏.......
@दिव्यांशु तिवारी
© divyanshu tiwari
अरुणता हैं समा में रक्ताभ अंबर हुआ सारा हैं ।
धान के खेत में रंगीले रुत में हूँ बैठा अकेले कलम लिए ,
वादियों सी इन वीरानगी में ''आंशु'' कोरा कागज एक सहारा है॥
........🙏शुभ संध्या 🙏.......
@दिव्यांशु तिवारी
© divyanshu tiwari