मंज़िल कहाँ
करता फिरता शिकायत सबसे
कहीं क़िस्मत भी होती वफ़ादार है,
ज़रा बता ए तू मिट्टी के पुतले
तूने कितना...
कहीं क़िस्मत भी होती वफ़ादार है,
ज़रा बता ए तू मिट्टी के पुतले
तूने कितना...