...

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मै कहीं रो न दूं
बता भी न सकूं सोच तुम्हे भी कही खो न दूं
मत पूछना मेरा हाल मै कहीं रो न दूं
इजाजत नही है रोने की, बुझदिल समझेंगे लोग
रो के कहीं बनाई अपनी ये शख्सियत भी खो न दूं
मत पूछना मेरा हाल मै कहीं रो न दूं

हां बातों में टटोल लेना कभी जिम्मेदारियां मेरे सर की
सायद बता सकूं मैं कहानियां मेरे घर की
हो सकता है बता भी दूं मैं अक्सर क्यों खो जाता हूं
हो सकता है तुम समझ भी लो मैं क्यो गुस्सा हो जाता हूं
पर पाकर किसी को करीब कहीं अपनी ही लुटिया डूबो न  दूं
मत पूछना मेरा हाल मै कहीं रो न दूं

आदत सी हो गई है अब दूर सबसे रहने की
शिकायतें दूसरों की भी खुद से ही कहने की
हो सकता है ये भावनाएं तुम्हे देख न खुद को रोक सकें
ना आना तुम नजदीक मेरे कहीं कंधे तुम्हारे भिगो न दूं
मत पूछना मेरा हाल मै कहीं रो न दूं



© Anjaan