गुमशुदा
छिन लो रोटी मेरी तरसा रहे क्यों सोच कर।
अधमरा मैं लाश हूं क्यों खा रहे हो नोच कर।
अधखुली उस आंख से तुझको नहीं आता नज़र।
छिन लो रोटी मेरी तरसा रहे क्यों सोच कर।
तीनका तीनका जोड़कर जिसने बनाया आशीयां।
गुमशुदा मैं हो गया हूं उस गली...
अधमरा मैं लाश हूं क्यों खा रहे हो नोच कर।
अधखुली उस आंख से तुझको नहीं आता नज़र।
छिन लो रोटी मेरी तरसा रहे क्यों सोच कर।
तीनका तीनका जोड़कर जिसने बनाया आशीयां।
गुमशुदा मैं हो गया हूं उस गली...