कि बच्चे अब बड़े हो गए हैं...
बच्चे अब बड़े हो गए है"
परिंदे अब उड़ान को तैयार है,
वे अपने हिससे की आसमां में ,
अस्तित्व की तलाश में -
निशां अपने बनाने को बेताब है..
घोसलों में ना जानें अब फिर -
कब आना हो इनका की अब
ये घोंसले हो रहे विरान हैं..
याद आता है पुनः अब वो...
परिंदे अब उड़ान को तैयार है,
वे अपने हिससे की आसमां में ,
अस्तित्व की तलाश में -
निशां अपने बनाने को बेताब है..
घोसलों में ना जानें अब फिर -
कब आना हो इनका की अब
ये घोंसले हो रहे विरान हैं..
याद आता है पुनः अब वो...